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Jain Stavan | Ab Mohe Aisi Aaye Bani | Shankeshwar Prashwa Jin Stavan |

Jainism Music is created to spread the unfamous literature of Jainism to the modern world.
0:00 - संगीत
(रचयिता: महोपाध्याय यशोविजयजी)
0:18 - गाथा 1
अब मोहे एसी आय बनी,
श्री शंखेश्वर पास जिनेसर, मेरो तुं एक धनी
अब….
1:06 - गाथा 2
तुम बिन कोउ चित्त न सुहावे, आवे कोडी गुणी;
मेरो मन तुम उपर रसियो, अलि जिम कमल भणी
अब….
1:58 - गाथा 3
तुम नामे सवि संकट चूरे, नागराज धरणी;
नाम जपुं निशि वासर तेरो, ए मुज शुभ करणी
अब…
3:04 - गाथा 4
मिथ्यामति बहु जन है जगमें, पद न धरत धरनी;
उनसे अब तुज भक्ति प्रभावे, भय नहि एक कनी
अब….
3:53 - गाथा 5
सज्जन नयन सुधारस अंजन, दुरजन रवि भरनी
तुज मुरति नीरखे सो पावे, सुख ‘जस’ लील धनी
अब…