Jainism Music is created to spread the unfamous literature of Jainism to the modern world.
तू चेत मुसाफिर चेत जरा, क्यू मानत मेरा मेरा हे;
इस जग में नहीं कोई तेरा है, जो है सो भी अँधेरा है.1
कुछ दिनों का जहान बसेरा है,नहीं शाश्वत तेरा डेरा है;
कर्मो का ख़ूब यह गेरा है, क्यू मानत मेरा मेरा है.2
ये काया नश्वर केरी है, एक दिन वो राक की देर है;
जहां मोह के खूब अँधेरा है, क्यू मानत मेरा मेरा है. 3
बुरी ये दुनियादारी है, दुख जन्म मारन की क्यारी है,
दुखदायक भव का फेरा है, क्यू मानत मेरा मेरा है.4
गति चार की नदिया झारी है, भव सागर बड़ा ही भारी है,
ममता वश वह बसेरा है, क्यू मानत मेरा मेरा है.5
मन आत्मा कमल में जोड़ लियो, लब्धि माया को छोड दियो;
गुरु मस्तक संजम शेरा है, क्यू माना त मेरा मेरा है. 6