वीर प्रभु तुज दर्शन थी
पाप गया मुज आतमथी
पुण्य परिणति जो जागी
जगपती जिन तुज लय लागी,
दूर न कर प्रभु तन मन थी
वीर प्रभु तुज दर्शन थी...
गुण समुहथी तुं भरियो
हुं छुं अवगुणनो दरियो
दोष टाळ मुज आतमथी
वीर प्रभु तुज दर्शन थी...
तुं प्रभु जगनो तारक छे
आ जन तारो बाळक छे
सेवकने जो करुणाथी
वीर प्रभु तुज दर्शन थी...
तुं शुं मुजने नहि तारे
हुं छुं शुं तुजने भारे
जश लेने सिव दई जगथी
वीर प्रभु तुज दर्शन थी...
गौतम - नीति - गुण बोले
दानी नहि कोई तुज तोले
कर प्रसन्न दई शिववरथी
वीर प्रभु तुज दर्शन थी...
Blessing By
अध्यात्म योगी, गणिवर्य प.पू गुरुदेव श्री उदयरत्नसागजी म.सा.
युवा प्रवचनकार, प.पू गुरुदेव श्री गुणवल्लभसागरजी म.सा.
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जिनशासन शिरोमणी, अचलगच्छाधिपति प.पू. जैनाचार्य श्री गुणोदयसागर सूरीश्र्वरजी म.सा.ना कृपापात्र
श्री अखिल भारत अचलगच्छ (विधीपक्ष) श्र्वे. जैन संघना पूर्व प्रमुख श्री विनोद देवराज गंगर परीवार तथा संघमाता पुष्पाबेन विनोद देवराज गंगर. गोधरा - कच्छ (दीप्ती ज्वेलर्स - मुंबई)
Singer : Vipul Chheda
Lyricst (स्तवन रचना) : शासनसम्राट, राष्ट्रसंत, अचलगच्छाधिपती, प.पू. आचार्य भगवंत श्री गुणसागरसूरिश्र्वरजी म.सा.
Music : Hardik Pasad
Corus & Backing Vocal Design : Jaydeep Swadiya & Team
Video : @ParamPath
Label : Dharma Entertainment